स्वाधार गृह योजना
Aim of Swadhar grih Yogna / स्वाधार गृह योजना का मुख्य उद्देश्य- स्वाधार गृह योजना के तहत देश की सभी बेबस और बेसहारा महिलाओं को रहने के लिए आश्रय,वस्त्र,भोजन एवं चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराना है।इस योजना के माध्यम से महिलाओं को भावनात्मक रूप से सुदृढ़ एवं मजबूत बनाना होता है।

स्वाधार योजना क्या है?
इस योजना के अंतर्गत वेश्यावृत्ति रिया कैदी प्राकृतिक आपदा अथवा किसी भी अन्य कारण से बेघर और बेसहारा पीड़ित महिलाओं को स्वाधार गृह लाया जाता है तथा व्यवसायिक प्रशिक्षण इन महिलाओं को दिया जाता है।
स्वाधार गृह क्या है?
संकट के समय महिलाओं विधवा, निराश्रित,तिरस्कृत ,परित्यक्ता को आश्रय व सहारा प्रदान करने तथा निशुल्क परिपालन वा पुनर्वास के लिए प्रदेश में दो 02 स्वाधार गृह का संचालन बिलासपुर एवं सरगुजा में किया जा रहा है इस योजना में केंद्र एवं राज्य का अंशदान 60:40 का है।
स्वाधार गृह योजना कि कब शुरुआत हुई?
इस योजना के दिशानिर्देशों में संशोधन के संबंध में ।मुझे कहे कहने का निर्देश हुआ है कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने स्वाधार और अल्पवास ग्रह नामक दो पूर्ववर्ती योजनाओं को शामिल करके दिनांक 01.1.2016 से स्वाधार गृह योजना की शुरुआत की गई है।
Eligibility for Swadhar Grih Scheme।स्वाधार गृह योजना हेतु पात्रता
स्वाधार गृह योजना का लाभ लेने हेतु अवश्य पात्रता नीचे दी गई है-
वे औरतें जो सामाजिक रूप से समाज से बाहर कर दी गई हो या किसी एक गांव से उनको किसी जुर्म के आधार पर या किसी शक के आधार पर औरत को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया हो और जो आर्थिक रूप से बेहद कमजोर है।
1 औरतें जिन्हें परिवार के लोगों ने आगे चलकर किसी कारणवश महिला को खुद से अलग कर दिया गया हो।
2 किसी भी प्रकार की आपदा में उलझी हुई पीड़ित महिलाएं।
3 वे औरतें जो किसी अपराध के लिए जेल से अपनी सजा पूरी करके लौटी हो।
4 जीनके पास रहने के लिए कोई आवास या परिवार ना हो।
5 इन सबके अलावा वे महिलाएं जो वेश्यावृत्ति और मानव तस्करी की शिकार बन चुकी महिलाएं।
6 ऐसी महिलाएं जो की एचआईवी बीमारी से ग्रस्त हैं।
स्वाधार गृह योजना से मिलने वाली सुविधाएं
इस योजना के माध्यम से देश में घरेलू हिंसा से ग्रस्त महिलाओं को 1 साल तक ठहर शक्ति है।
विभिन्न श्रेणियों में महिलाओं को 3 साल तक स्वाधार गृह में रह सकती हैं।
55 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं 60 वर्ष तक की महिलाएं इस योजना के तहत स्वाधार गृह में रह सकते हैं उसके बाद उन्हें वृद्धा आश्रम में भेज दिया जाता है।
इस योजना के द्वारा मानसिक रूप से पीड़ित महिलाओं को स्वाधार गृह में रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
यदि किसी औरत की संतानों में पुत्रियां भी है तो ऐसी पुत्री के 18 वर्ष तक की उम्र पूरी करने तक वे बालिका अपनी मां के साथ रह सकती है यदि किसी औरत की संतानों में पुत्र है तो वह 12 वर्ष की उम्र पूरी करने तक अपनी मां के साथ जीवन यापन कर सकता है।
स्वाधार गृह योजना के फायदे
इस योजना के तहत अस्थाई निवास आवश्यक सामान जैसे कपड़े खाना मेडिकल फैसिलिटी इत्यादि उपलब्ध कराना शामिल होता है।
इस योजना के तहत महिलाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण एवं उनका कौशल विकास करना इत्यादि भी सम्मिलित किया गया है।
काउंसलिंग जागरूक व स्किल विकास करना इस योजना के द्वारा सिखाया जाएगा ताकि जिससे वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।
इस योजना के तहत महिलाओं को लीगल सलाह के साथ साथ सही मार्गदर्शन भी उपलब्ध करवाया जायेगा।
स्वाधार से क्या आशय है?
स्वाधार भारत सरकार के महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा कठिन परिस्थितियों में रह रही महिलाओं के लाभार्थ प्रायोजित योजना है स्वाधार योजना का प्रारंभ 2001 2002 नियुक्त किया गया था उसके पहले शर्तें यह है कि उन्हें अलग-अलग परिजनाओ के आधार पर इस तरह की महिलाओं के पुनर्वास का वांछित अनुभव और कौशल का विकास हो।
स्वाधार गृह योजना का उद्देश्य
इस योजना का संचालन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से होता हैं। इस स्कीम का मकसद बेसहारा महिलाओं को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सुरक्षा प्रदान करना है जिससे वह समाज में सिर उठाकर जी सके। वह अपने पैरों पर खड़ी हो सके। इसके लिए सरकार की ओर से उन्हें सिलाई बुनाई कढ़ाई एवं अन्य कुटीर उद्योग चलाने हेतु गुण सिखाए जाते हैं। इससे महिलाएं स्वरोजगार कर सकती हैं।
कहां से मिलेगी मदद
इस योजना की मदद नगर पालिका एवं छावनी बोर्ड पंचायती राज संस्थान एवं सहकारी संस्थान राज्य सरकार की ओर से स्थापित महिला नगर निगम कानून के तहत रजिस्टर्ड स्वयंसेवी ट्रस्ट केंद्रीय और राज्य स्वायत्त निकाय
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